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पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण: लीला केस ने उजागर की मानवाधिकार त्रासदी

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इस्लामाबाद:पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण का एक और मामला सामने आया है, जहां सिंध प्रांत की एक हिंदू नाबालिग लड़की (लीला) को उठाकर इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया गया।पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक नाबालिग हिंदू लड़की, लीला (16 वर्ष), को उसके घर से जबरन उठाकर इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और उसकी शादी एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति से करा दी गई। लीला के परिवार का आरोप है कि स्थानीय धार्मिक नेताओं और प्रभावशाली लोगों ने उसे डरा-धमकाकर धर्म बदलने पर मजबूर किया।

यह घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, ईसाई, सिख) के साथ हो रहे “जबरन धर्मांतरण और बाल विवाह” के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, पिछले एक साल में 100 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकतर पीड़ित नाबालिग हिंदू लड़कियां हैं।


परिवार की दर्दभरी आपबीती

लीला के पिता, श्री किशन, आँसू भरी आवाज़ में बताते हैं –
“हमारी बेटी को स्कूल से लौटते समय अगवा कर लिया गया। दो दिन बाद हमें पता चला कि उस पर दबाव डालकर इस्लाम अपनाने के लिए कहा जा रहा है। हमने पुलिस में शिकायत की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। अब हमारी बच्ची हमसे छीन ली गई है…”


कानूनी लड़ाई और सरकारी चुप्पी


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया


क्या कर सकते हैं आप?

  1. जागरूकता फैलाएँ – सोशल मीडिया पर #SavePakistaniHindus #StopForcedConversions टैग का उपयोग करें।

  2. मानवाधिकार संगठनों से जुड़ें – पाकिस्तान हिंदू काउंसिल और एमनेस्टी इंटरनेशनल को सपोर्ट करें।

  3. अपनी सरकार से बोलें – पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की मांग करें।


📢 “धर्म की आड़ में नाबालिगों के साथ हो रहा यह अत्याचार कब रुकेगा? क्या विश्व समुदाय चुपचाप देखता रहेगा?”

(यह खबर पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स और मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों पर आधारित है। नाम बदले गए हैं ताकि पीड़िता की पहचान सुरक्षित रहे।)


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